Wednesday, March 25, 2009

ख्वाब है तो मंजिले है

जिंदगी है..... तो घूमते रहो ???

जिंदगी है तो ख्वाब है_ख्वाब है तो मंजिलें है____मंजिलें है तो फासले है__________फासले है तो रास्ते है_________रास्ते है तो मुश्किलें है____________ _मुश्किलें है तो हौसला है____________ _____हौसला है तो विशवास है____________ _________ _विश्वास है तो जीत है ..............जीत है तो खुसिया हैं ...........खुशिया है तो और खवाब हैं ..................जब ख्वाब है तो जिन्दगी है .

ये लाइन मैंने टीवी पर तब सुनी थी जब गुलजार जी का एल्बम आया था .उसी समय से ये लाइन मुझे पसंद है कल ये लाइन मुझे विष नाम के बन्दे जिसने गरीब रथ की गरीबी पर अपनी प्रत्रिक्रिया दी थी के ब्लॉग से मिला मेरे कॉलेज के लैब के बंद होने का टाइम होने के कारन मैंने इसे पुरा धयान से पढ़ा नही की इसमे उस बन्दे की अपनी भी राय शामिल है.अभी मैंने देखा तो पता चला की ऊपर की लाइन ही मेरी पसंद की है और तो विष महासय के अपने विचार है .इसलिए मैं पहले के पोस्ट को हटा कर केवल अपनी पसंद की लाइन ही रख रही हूँ.उसके आगे मेरे हिसाब से ये लाइन होनी चाहिए .रही बात दुनिया के गोल होने की तो ये सच है.क्योकि इस दुनिया में जब आप किसी अपने से दूर होते है तो वो आप को इसी दुनिया में मिलता है .क्योकि इस दुनिया के अलावा कोई और सच है भी तो नही .किसी मूड पर किसी से मिलना फ़िर दूर होना फ़िर उससे मिलने की चाहत हमारी कोशिशे और विशवास ही हमें उससे मिलाता है .इसी मिलने -दूर होने का नाम तो जिन्दगी है.हम जिन्दगी के हर पडाव पर नए लोगो से मिलते हैजो अपने बनते है अलग हो जाते है.फ़िर हम आगे बड़ते है नए होसले के साथ उन अपनों की याद लिए जो फ़िर मिल जाते है। किसी मोड पर .

3 comments:

अनिल कान्त said...

aapne to fir se mujhe shuruaat mein pahuncha diya

समयचक्र said...

गजब की रचना लगी सच है सारी दुनिया गोल है .

संगीता पुरी said...

बिल्‍कुल गोल है ... भूगोल नहीं पढा क्‍या ?